
समीर वानखेड़े:
जिला केंद्रीय सहकारी बैंक में कर्मचारियों की भर्ती में एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग का आरक्षण हटाकर ओपन वर्ग में भर्ती शुरू करने के बाद आरक्षण रक्षा संघर्ष संघर्ष समिति ने गुरुवार (16 जनवरी) को राज्यपाल सी. पी। राधाकृष्णन को एक बयान दिया गया। जिला बैंक के समक्ष दो जनवरी से शुरू हुआ शृंखलाबद्ध धरना गुरुवार से आमरण अनशन में तब्दील हो गया है ।
आरक्षण रक्षा संघर्ष संघर्ष समिति ने आरोप लगाया कि जिला बैंक कर्मचारियों की भर्ती में एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग का आरक्षण खत्म कर अवैध प्रक्रिया अपनाई जा रही है। इसके विरोध में दो जनवरी से जिला बैंक के समक्ष शृंखलाबद्ध धरना चल रहा है। बैंक ने आंदोलन पर ध्यान नहीं दिया। इसलिए आंदोलनकारियों ने राज्यपाल से मिलकर निवेदन दिया निवेदन में मांग की गई कि सरकार को बैंक कर्मचारियों की भर्ती निलंबित करने के लिए मजबूर किया जाना चाहिए। लेकिन राज्यपाल की ओर से कोई करवाई न होती देख प्रदर्शनकारियों ने गुरुवार से आमरण अनशन शुरू करने की जानकारी दी है। इस अवसर पर प्रदर्शनकारी राजू कुकड़े, संजय कन्नावर, नाभा वाघमारे, अनुप यादव, आनंद इंगले, मिलिंद खोबरागड़े, दिनेश एकवंकर, सूर्या अदबले, महेश वासलवार उपस्थित थे।